मौनी अमावस्या पर महाकुंभ भगदड़ 2025: सीएम योगी का पहला बयान आया

प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ 2025” में मची भगदड़ के बाद सवाल उठने लगे हैं कि इतनी बड़ी भीड़ को संभालने की जिम्मेदारी सेना को क्यों नहीं दी गई? महंत प्रेमानंद पुरी इस हादसे से बेहद दुखी और नाराज हैं। उन्होंने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा और रोते हुए कहा कि अगर सुरक्षा व्यवस्था सही होती तो इतने श्रद्धालुओं की जान नहीं जाती।

घटना का ब्यौरा

29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में करोड़ों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए जुटे थे। अत्यधिक भीड़ और भीड़ प्रबंधन के उचित न होने के कारण संगम नोज क्षेत्र में भगदड़ मच गई। इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।

प्रशासनिक तैयारियों में कमी

मौनी अमावस्या के दिन भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने 27 जनवरी से 31 जनवरी तक शहर और मेला क्षेत्र को ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित किया था। श्रद्धालुओं के लिए सैटेलाइट पार्किंग स्थलों पर अपने वाहन छोड़कर शटल बसों के जरिए मेला क्षेत्र में पहुंचने की व्यवस्था की गई थी। इसके बावजूद भीड़ नियंत्रण में प्रशासनिक कमियों के कारण यह हादसा हुआ।

प्रेमानंद पुरी का गुस्सा और आंसू

इस घटना से महंत प्रेमानंद पुरी इतने आहत हुए कि उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा:

“यह लापरवाही ही नहीं, बल्कि पाप है! अगर सेना को यह जिम्मेदारी दी गई होती तो ऐसा हादसा कभी नहीं होता। सरकार को अपनी गलती माननी चाहिए।”

भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि यह हादसा प्रशासन की विफलता है और इतनी बड़ी धार्मिक भीड़ को संभालने के लिए विशेष रणनीति बनाई जानी चाहिए थी।

महाकुंभ की सुरक्षा का जिम्मा सेना को क्यों नहीं दिया गया?

कुंभ मेले में हर बार करोड़ों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन सुरक्षा की जिम्मेदारी आमतौर पर राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को दी जाती है। इस बार भी ऐसा ही किया गया, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इतने बड़े आयोजन की सुरक्षा का जिम्मा सेना को दिया जाना चाहिए था।

इसके पीछे कुछ कारण हैं:

1. सेना का अनुशासन – सेना बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने में अधिक सक्षम है।

2. बेहतर प्रबंधन और रणनीति – सेना के पास आपदा प्रबंधन के लिए अधिक सटीक योजना है।

3. कठोर निर्णय लेने की क्षमता – प्रशासनिक ढिलाई दुर्घटनाओं को आमंत्रित करती है, जबकि सेना नियमों को सख्ती से लागू कर सकती है।

महाकुंभ भगदड़ 2025 के बाद CM योगी का बयान
प्रयागराज महाकुंभ सुरक्षा को लेकर CM योगी का बयान

क्या योगी सरकार की लापरवाही सामने आई?

इस हादसे के बाद यूपी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी दलों ने भी इस घटना पर सरकार को घेरा है। लोग पूछ रहे हैं:

– क्या इतने बड़े आयोजन के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किए गए थे?

– क्या भीड़ नियंत्रण के लिए उचित इंतजाम किए गए थे?

– क्या इस घटना से पहले कोई चेतावनी संकेत थे, जिन्हें नजरअंदाज कर दिया गया?

प्रयागराज, 2025: महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के लिए उमड़ी अपार भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पहला बयान सामने आया है। उन्होंने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है और प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं।

सीएम योगी का बयान

सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताते हुए कहा,

“महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रशासन को घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने और भगदड़ के कारणों की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।”

प्रशासन की प्रतिक्रिया

प्रशासन का कहना है कि भीड़ नियंत्रण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए थे, लेकिन अप्रत्याशित संख्या में श्रद्धालुओं के आने से स्थिति बिगड़ गई। पुलिस और राहत दल मौके पर मौजूद हैं और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

महाकुंभ भगदड़ 2025 में घायलों की हालत

भगदड़ में कई श्रद्धालु घायल हुए हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिनके जरिए लोग अपने परिजनों के बारे में जानकारी ले सकते हैं।

– मौनी अमावस्या के अवसर पर महाकुंभ मेले में मची भगदड़ में घायलों की संख्या को लेकर कई तरह की रिपोर्ट सामने आई हैं।

1. रॉयटर्स के अनुसार, इस घटना में सात से अधिक लोगों की मौत हो गई और करीब 10 लोग घायल हो गए।

2. द गार्जियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय अधिकारियों के अनुसार 38 लोगों की मौत हुई है, जबकि अन्य स्रोतों के अनुसार यह संख्या 100 तक हो सकती है।

मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ भगदड़ 2025 का भयानक मंज़र

भविष्य के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए?

1. सुरक्षा व्यवस्था में सेना को शामिल किया जाना चाहिए।

2. सीसीटीवी कैमरे और एआई आधारित भीड़ नियंत्रण प्रणाली का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

3. श्रद्धालुओं के लिए चरणबद्ध प्रवेश और निकास बिंदु बनाए जाने चाहिए।

4. स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए और उन्हें आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

महाकुंभ भगदड़ 2025 के बाद श्रद्धालुओं से अपील

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से धैर्य बनाए रखने और सुरक्षा नियमों का पालन करने की अपील की है। महाकुंभ एक धार्मिक आयोजन है, जिसमें अनुशासन और संयम बहुत जरूरी है।

निष्कर्ष

मौनी अमावस्या के दिन हुई महाकुंभ भगदड़ 2025 ने सभी को झकझोर दिया है। सरकार और प्रशासन इस घटना से सीख लेकर व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। श्रद्धालुओं से भी अपील है कि वे सावधानी बरतें और सुरक्षित तरीके से स्नान करें।

Leave a Comment